संदेश
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बादल जा मेरा पैगाम दो,
मेरा संदेश सुनाओ,
धरती के जीवों पैं तरस खाओ,
नदिया, पेड़,पौधे,
सब आपको पुकारे,
कोई पूजा करे,
कोई नमाज़ पढ़े,
हाल हमारे आप बताओ,
अबोल जीव क्या बोले बिचारे,
पानी के लिए तरसे बिचारे,
कहां खो गए बादलों आप,
धरती के जीव आपको पुकारे,
इतनी नाराज़गी ठीक नहीं प्यारो,
हमने धरती को दूषित किया,
हम इंसान नादान है,
आप जीवनदाता है,
हम गलतियाँ से सीखे ,
ग़लती की सज़ा अबोल को न दो,
पेड़, पौधे बिचारे अपना नूर खो बैठे,
उनको हरा भरा करने आओ एक बार,
हमारी ग़लती को एक मौका तो दो,
हम ग़लती अपनी सुधारेंगे,
हम जीवों पे थोड़ा सा तरस खाओ
जाओ बादल हमारा संदेश सुनाओ,
धरती के जीवों पे तरस खाओ