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Kavita Sharma

Abstract

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Kavita Sharma

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समय

समय

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समय बीतता जा रहा है 

पर बीता समय याद आ रहा है

खुशी थी या था गम पर साथ थे सब हम 

आज जो जा चुके उन्हें कहाँ से लियें अब 

समय तो अब भी जा रहा है 

जीना सिखा रहा है ।

रोज संधर्ष से जूझो

हौंसला बुलंद रखो।

जिंदगी की रीत ही है उतार चढा़व

हर मोड़ पर बढाते जाओ अपने पाँव।


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