मुंशी प्रेमचंद
मुंशी प्रेमचंद
काशी की पावन धरती, लमही था ग्राम
जहाँ जन्मे मुंशी प्रेमचंद उपन्यास सम्राट
बचपन मे ही छूट गयी ममता की छांव
धनपतराय के घर था निर्धनता का ठावँ
हिंदी, उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार
भाषा सरल सहज मार्मिक व्यवहारिक, मुहावरेदार
समाज सुधार और राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत थे सोचविचार
अनुभव व सच्चाई को बयां करते अद्भुत कलमकार
मशहूर होने की ख्वाहिशें कभी ना थी पाली
पर युगों-युगों तक अपनी अमिट पहचान बना डाली।