समय
समय
विधाता की नजर में सभी समान
न कोई छोटा न महान
हर किसी को दिया वक्त एक समान
इन चौबीस घंटों की सीमा रेखा पर
बीत रहा वक्त
किसने देखा
सब अपने -अपने प्रयासों से लगे हैं
सफल बनाने में जीवन रेखा
जिसकी जितनी मेहनत
उतना उसका आसमान
पर याद रहे
किस नियत से कर्म कर रहे
उस पर विधाता का जारी होगा
फरमान
बस इसी मंत्र को अपना लो
जीवन में
मानवता का रस्ता चुन लो
बनो नेक इंसान ।