समय और घड़ी
समय और घड़ी
समय चक्र चलता रहता है,
हर क्षण हर पल प्रतिदिन और रात।
खेल कर्म - किस्मत का है सारा,
सतत् ही बदलते रहते हैं अक्सर हालात।
सब हैं करते उत्कृष्ट समझ से अपनी,
पर निज उपकार का हैं रखते अधिकतर ध्यान।
विश्व बंधुत्व भाव जो रखें निज कर्मों में,
आर्य परंपरा के पोषक वे सब है आदर्श इंसान।
शुभ और अशुभ का ध्यान रखें हम हर पल,
जो बीतें अशुभ पल और आए सबके हित शुभ घड़ी।
निर्णय-कर्मानुसार फल-प्रतिफल मिलता है,
समय मापे चाहे शंकु-सूर्य-जल -इलेक्ट्रानिक या रेत घड़ी।