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Vimla Jain

Abstract Classics Inspirational

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Vimla Jain

Abstract Classics Inspirational

समुंद्र और सूर्यास्त

समुंद्र और सूर्यास्त

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क्या खूबसूरत मंजर था वह

जब मैं समुंदर में शिप से घूम रही थी।

सूर्यास्त का समय ऐसा लग रहा था,

जैसे सूरज समुद्र में समा रहा हो

खूबसूरत नजारा।


आज भी आंखों के सामने है 

जब आज आपने अपना विषय बताया।

तो वह खूबसूरत नजारा याद आया।


ऐसा लगा मानो सूरज समुंद्र के अंदर ही रहता है ।

और सुबह निकलता है क्या हम लोगों का मन होता है।

कभी सूरज को बादलों के पार से आते देखते हैं।


तो कभी समुद्र के अंदर जाते हैं तो समुद्र के अंदर देखते हैं।

यही तो मानव मन की कल्पना है जो उसको खुशी से भर देती है।


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