तूफानी बरसात और हम
तूफानी बरसात और हम
तपते जून का महीना
कहीं बरसात के आसार नजर ना आए।
इतनी गर्मी, इतनी गर्मी की हम सब घबराए।
घर में था नन्हा मेहमान आने वाला।
इस गर्मी को देखकर मन बहुत घबरा रहा था।
जैसे ही उसका आगमन हुआ मूसलाधार बरसात चालू हुई।
5 दिन बरसात चली, इतनी तूफानी बरसात थी ।
बड़ौदा में बाढ़ आ गई।
उस बाढ़ में लेकर हम अपने नाती को घर आए।
जैसे कृष्ण जी को यमुना नदी में से वासुदेव जी लेकर चले थे।
इस तरह तूफानी बरसात में हम अपने नाती को ले घर आए।
वो मंजर आज भी याद है।
घर में भी पूरा चौक पूरा बरामदा पूरा हॉल सब पानी से भरा था।
सब तरफ पानी ही पानी था। और बीच में से लेकर के उस बच्चे को और
उसकी मां को हमने पलंग पर लिटाया।
आज तक हम वो मंजर भुला ना पाए।
ऐसी तूफानी रात में हमारे घर कन्हैया आए।
जिसके आने से ही बरसात चालू हुई।
वह तूफानी बरसात
जो बाढ़ लेकर आई ।
पर धरती को पूरा पानी दे गई। भूले नहीं भूलता, वह बरसाती रात और
हमारा छोटा सा नन्हा ध्रुव का कन्हैया रूप आगमन।
जो हमारे घर को इतना खुश कर गया।
और अब तो बड़ा होकर वह अपना और हमारा सबका नाम रोशन कर गया।
नाना मासी को तो वह रोल मॉडल बनता है बना गया।
पूरे भारत में सीबीएसई 12th में टॉप, नीट में फिफ्थ रैंक, आइबीओ मैं गोल्ड मेडल लाकर।
अपने नाना मासी जैसे डॉक्टर बनने के लिए फेमस एम्स मेडिकल में प्रवेश पाकर
वहां भी अपने आप को साबित कर रहा है, अपने झंडा गाड़ रहा है।
हमें और क्या चाहिए इस तूफानी बरसात में हमको एक कृष्ण दे दिया।
और हमको एक यादगार मंजर दे दिया