मुकर गई जिंदगी आज भी
मुकर गई जिंदगी आज भी
कुछ यूं गुजर गई जिंदगी आज भी
मैं बात करने चला था पर फिर से
मुकर गई जिंदगी आज भी।
जोर जबरदस्ती ही सही पर
मैं बात करना चाहता था
ऐ जिंदगी तू मेरी है ये सोचकर
एतबार करना चाहता था
मेरी बातों को अनसुना करके
निकल गई जिंदगी आज भी
बस कुछ इसी तरह से
मुकर गई जिंदगी आज भी।
रूठना मनाना तो चलता रहता है
गम और खुशी का अक्सर
आना जाना भी चलता रहता है
मैं रूठी तो जिंदगी मनाने आई थी
पर जब मैं मनाने चली तो
रूठ गई ये जिंदगी आज भी
बस कुछ इसी तरह से
मुकर गई जिंदगी आज भी।
हम हमेशा कुछ सोचते हैं और
जिंदगी कुछ और दिखाती है
जो भी मैं नहीं करना चाहती
ये जिंदगी मुझसे वही करवाती है
दूरियां तो थोड़ी सी जरूर थीं
पर बढ़ गई थोड़ी और आज भी
बस कुछ इसी तरह से
मुकर गई जिंदगी आज भी।