सम्मान करो
सम्मान करो
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मैं लाख शिक्षित
हो जाऊँ
चाँद पर
चली जाऊँ,
दुनियाँ की
सभी जानकारियाँ
मुझे हो जाये,
कानून का ज्ञान
भी पूरा
मैं जान लूँ,
आर्थिक आजादी
के लिये भी प्रयास कर
सफल हो जाऊँ,
दुनियाँ की हर
खुशी मैं अपने
बल में पा जाऊँ,
फिर भी हर
खुशी बनावटी है
जब तक मुझे
बोलने की आजादी न हो।
चलो बोलने दिया
भी गया तो
उसे समझा नहीं गया,
मेरा सम्मान नहीं
किया गया
मुझे भोग की
वस्तु समझा गया,
मेरी गलती न
होते हुये भी
गलत बोला गया,
खुशी को ख़ुशी
ही रहने दो
उसे बेरंग न बनाओ,
इंसान हूँ इंसान
ही रहने दो
मेरी भी इच्छाओं का
सम्मान करो।