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कल्पना 'खूबसूरत ख़याल'

Romance

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कल्पना 'खूबसूरत ख़याल'

Romance

सखी आयो रे बसन्त

सखी आयो रे बसन्त

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सखी आयो रे बसन्त

बावरा हुआ मकरन्द

फूली सरसों लहराय

किसान झूम-झूम गाये


सखी आयो रे बसन्त

बावरा हुआ मकरन्द


झोंका बसन्ती आया है

प्रेम सन्देशा लाया है

पढ़ तार प्रियतम का

ये मन हरषाया है


सखी आयो रे बसन्त

बावरा हुआ मकरन्द।


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