कल्पना 'खूबसूरत ख़याल'
Classics
दिशाओं के
चेहरे पढ़ता हुआ
और हवाओं की साँसों
को गिनता हुआ
वसन्त आने
की बाट जोहता
एक फूल
भूल गया ये
बात की उसका
वसन्त तो बस
तुम्हारे ज़ुल्फ़ों में
ही बसता है
जब धरती पर
सब कह रहे कि
वसन्त आ गया
वो फूल कैसे
माने की वसन्त
आ गया।
वसन्त
वो फूल
मधुमास
कहो प्रिये
लो आ गया बसन्...
वसन्त मुस्कुर...
खुशियों का बस...
बसन्त
सखी आयो रे बस...
मैं जग का सारथी अब रण में साथ निभाऊंगा, जीतेगा सत्य ही मैं अपना वचन निभाऊंगा..! मैं जग का सारथी अब रण में साथ निभाऊंगा, जीतेगा सत्य ही मैं अपना वचन निभाऊंगा....
तेरी मुलाकात का असर रहता है जज़्बात में एहसास का असर रहता है। तेरी मुलाकात का असर रहता है जज़्बात में एहसास का असर रहता है।
आया फागुन आई होली रंगों का त्योहार प्यार की बोली। आया फागुन आई होली रंगों का त्योहार प्यार की बोली।
नंदिता ढूंढे वही खंज़र.. जहाँ मिले थे दर्द बिछड़े खुद के साये......! नंदिता ढूंढे वही खंज़र.. जहाँ मिले थे दर्द बिछड़े खुद के साये......!
परोपकार पुण्य के लिए,पाप के लिए परपीड़न है। परोपकार पुण्य के लिए,पाप के लिए परपीड़न है।
शिव शंकर के गले में शोभित नागराज है जटा में उनके गंगा की धार है ! शिव शंकर के गले में शोभित नागराज है जटा में उनके गंगा की धार है !
रघुवंश के पुरूषों की तरह ही हमें देना चाहिए मान उसकी स्त्रियों को भी। रघुवंश के पुरूषों की तरह ही हमें देना चाहिए मान उसकी स्त्रियों को भी।
छाई हुई धुंध की दीवारें कह रही तुम इक दिन खुद धुंआँ-धुंआँ हो जाओगे। छाई हुई धुंध की दीवारें कह रही तुम इक दिन खुद धुंआँ-धुंआँ हो जाओगे।
सिखाता है मानव को वर्तमान और भविष्य को सँवारना भी। सिखाता है मानव को वर्तमान और भविष्य को सँवारना भी।
मेरी आवाज दबाओगे तो निकलेगीं घरों से और आवाजें आगाज हो चुका है मेरी आवाज दबाओगे तो निकलेगीं घरों से और आवाजें आगाज हो चुका है
तर्क और वितर्क कर, अपने जीवन को सींच। तर्क और वितर्क कर, अपने जीवन को सींच।
तेरा मेरी जिन्दगी में हमेशा के लिए आने के बाद ही पूरे होंगे।। तेरा मेरी जिन्दगी में हमेशा के लिए आने के बाद ही पूरे होंगे।।
भक्ति का एक परम योग है शिव ही हर आती जाती सांस। भक्ति का एक परम योग है शिव ही हर आती जाती सांस।
नंदिता के लम्हो मे क़ैद हो.. वो ज़िंदगी को जीना अभी बाकी है...! नंदिता के लम्हो मे क़ैद हो.. वो ज़िंदगी को जीना अभी बाकी है...!
बुराई का दामन छोड़े तभी फिर आये राम राज्य। बुराई का दामन छोड़े तभी फिर आये राम राज्य।
शिव भक्त निज अंतस में, रूप प्यारा धारण करता।। शिव भक्त निज अंतस में, रूप प्यारा धारण करता।।
कितनी मेहनत की होगी, जब पाई होगी शक्ति इन्होंने न जाने कितनी कठिन तपस्या की होगी। कितनी मेहनत की होगी, जब पाई होगी शक्ति इन्होंने न जाने कितनी कठिन तपस्या की ह...
किम कर्तव्यम शोध कार्य से काया सुगढ़ बनाने को।। किम कर्तव्यम शोध कार्य से काया सुगढ़ बनाने को।।
सर्दी की इस ठिठुरन में गीत गोविन्द के तानों संग बारहमासी सोहर गाते महिलाओं के दलों को सर्दी की इस ठिठुरन में गीत गोविन्द के तानों संग बारहमासी सोहर गाते महिलाओं के...
बाँध बनाकर झील में, किया उसे परतंत्र। बाँध बनाकर झील में, किया उसे परतंत्र।