खुशियों का बसन्त
खुशियों का बसन्त
1 min
308
गिर गए सूखे पत्ते
झूम उठे सब बच्चे
नाच रहे पेड़ पौधे
खुशियाँ मनाइये
ह्रदय में तरंग है
जीवन में उमंग है
मौसम भी मलंग है
सब गीत गाइये
ऋतुराज आया यहाँ
खुशहाली लाया यहाँ
धरा सरसों खिली है
बसन्त मनाइये
कली-कली मंडराए
भँवरा गया बौराये
फसलें लहलहाएँ
आप मुस्कुराइएँ।