कल्पना 'खूबसूरत ख़याल'
Abstract
कहो प्रिये यह कैसा वसन्त
है ह्रदय सुमन कुम्हलाया सा
बरबस ही रो पड़ते नैन
विरह की अग्नि जल रही
रुखाई तुम्हारी करती है बेचैन
धरती उत्सव मना रही
मेरे मन में है बस एकांत
कहो प्रिये यह कैसा वसन्त।
वसन्त
वो फूल
मधुमास
कहो प्रिये
लो आ गया बसन्...
वसन्त मुस्कुर...
खुशियों का बस...
बसन्त
सखी आयो रे बस...
दोनों का काम समान न कोई छोटा न महान। दोनों का काम समान न कोई छोटा न महान।
हर नार हुई मतवारी रे, हमें तो मीठी लगे, "शकुन" जी की गाली रे ! हर नार हुई मतवारी रे, हमें तो मीठी लगे, "शकुन" जी की गाली रे !
सपनों में बसाकर सही, न बदले ऐसी चाहत तेरे लिए बनी रहेगी। सपनों में बसाकर सही, न बदले ऐसी चाहत तेरे लिए बनी रहेगी।
जीवन है बस नाम चलने का हर स्थिति में तपकर निखारने का। जीवन है बस नाम चलने का हर स्थिति में तपकर निखारने का।
नफरत दिलों से मिटकर बहे, हर दिल में निर्मल गंगा पावन प्यार की। नफरत दिलों से मिटकर बहे, हर दिल में निर्मल गंगा पावन प्यार की।
है नारी तेरा मुझ पर अधिकार है, मेरा जीवन तेरा कर्जदार है है नारी तेरा मुझ पर अधिकार है, मेरा जीवन तेरा कर्जदार है
गुणगान नहीं नारी का – अभिनंदन बारम्बार करो ! वंदन बारम्बार करो ! गुणगान नहीं नारी का – अभिनंदन बारम्बार करो ! वंदन बारम्बार करो !
थोड़ी मीठी ज़्यादा है, शायद सच कम मिलाया है। थोड़ी मीठी ज़्यादा है, शायद सच कम मिलाया है।
अपने सपनों के खातिर अब इंतज़ार मत करो। अपने सपनों के खातिर अब इंतज़ार मत करो।
मोहब्बत दो, मोहब्बत लो, प्यार बांटों इंसान की तरह ! मोहब्बत दो, मोहब्बत लो, प्यार बांटों इंसान की तरह !
गज़लें बनाऊं, गुनगुनाऊँ ऐ माँ तूने ही मुझे पहचाना है। गज़लें बनाऊं, गुनगुनाऊँ ऐ माँ तूने ही मुझे पहचाना है।
इंतजार में वो रह गये आखिर वो आंखें हर रात रोई। इंतजार में वो रह गये आखिर वो आंखें हर रात रोई।
अगर सही समय पे उसके हाथ हमारे सर पे ना होता। अगर सही समय पे उसके हाथ हमारे सर पे ना होता।
वो सुनहरा पल बड़ा याद आता है, बचपन भी क्या खूब होता है...। वो सुनहरा पल बड़ा याद आता है, बचपन भी क्या खूब होता है...।
जो लौट के न अब आएं दिल वो मस्त जमाने याद करे। जो लौट के न अब आएं दिल वो मस्त जमाने याद करे।
दो वंशों को जोड़कर ” मंजू ” सृजन करती है संतान। दो वंशों को जोड़कर ” मंजू ” सृजन करती है संतान।
मुझे अब औऱ किसी का सहारा नहीं चाहिये। मुझे अब औऱ किसी का सहारा नहीं चाहिये।
जाग जा रे मुसाफ़िर तू फ़िर से जिंदा हो चला है। जाग जा रे मुसाफ़िर तू फ़िर से जिंदा हो चला है।
कहा था ना नारी शब्द बड़ा आसान है, पर अर्थ इसका बड़ा ही महान है। कहा था ना नारी शब्द बड़ा आसान है, पर अर्थ इसका बड़ा ही महान है।
खुशियों के हजारों रंग, हमारे गालों पर मलकर जाती। खुशियों के हजारों रंग, हमारे गालों पर मलकर जाती।