सिर्फ तु
सिर्फ तु
तू दिल के पास ही नहीं
तू दिल के भीतर भी है ,
यह एहसास कैसे बयां करूँ
शब्दों के बन्धन से ।
बेजुबां लफ्ज़ों की खामोशी से,
तेरी हर अदा से।
तेरी बेपनाह प्यार से ,
हो गयी हूँ बीमार मैं
तेरी बेपरवाह
इन्तज़ार से
तू यहाँ भी है
तू वहाँ भी है
दिल के भीतर ही नहीं,
दिल के हर धड़कन में
सिर्फ तू ही तू है