गुरू की महिमा
गुरू की महिमा
गुरुवर तेरे चरणों मे नमन बारंबार,
शिष्य अपना शीश नवाए आपकी महिमा अपरम्पार!
गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागुं पायँ,
बलिहारी गुरू आपना गोविंद दियो बताय!
ज्ञान की रोशनी देकर अंधकार को मिटाया,
सही गलत का पाठ गुरुवर आपने हमे सिखाया!
हमारी गलतियों को नजरंदाज नहीं जगजाहिर किया,
आगे चलके फ़िर कोई गलती ना करूँ
इसलिए आपने दंडित किया!!
अपना नसीब अपने हाथ मे है,
ऐसा कह अपने मंजिल पाने को प्रेरित किया!!
गुरुवर तेरे चरणो मे मैं शीश नवाने आई हूँ,
एक बार नहीं बारंबार मैं वंदन करने आई हूँ!