भारत के ललाट की बिंदी है हिंदी
भारत के ललाट की बिंदी है हिंदी
हिंदी हमारी मातृभाषा है,
बेहिचक हिंदी बोलो।
सुनो ,सुनाओ और लिखो।।
अंग्रेज छोड़ गए अंग्रेजी भाषा,
जो तेजी से अपना पैर पसार रही है।
हिंदी हमारी मातृभाषा ,
किसी कोने में में दुबकी पड़ी है ।
लोग हिंदी बोलने में शर्माते हैं
जबकि अंग्रेजी बोल अपनी रोब जमाते है।
कैसा शर्म ,कैसा संकोच ,
हिंदी हमारी मातृभाषा है।
इसे दूर मत करो अपने आप से,
क्यूंकि हमारे
भारत के ललाट की बिंदी है हिंदी