सिर्फ दोस्त नहीं..
सिर्फ दोस्त नहीं..
तेरी जरूरत है उतनी
तेरी कमी है जितनी
तेरा यूँ आना
और आकर चले जाने
कुछ रास ना आया हमें
कह तो दिया मोहब्बत नहीं है तुमसे
पर इस दिल को ये बात
समझाना ना आया हमें
सिर्फ दोस्त नहीं हूं तेरी
सिर्फ हमराज़ नहीं, हमसफर हुँ तेरी
कुछ बातें अधूरी है मेरी
अधूरी सी मैं हूँ
बस तेरे संग हूँ पूरी
यू ही नहीं हर मुलाक़ात के लिए मान जाया करती हूँ
तेरे लिए नहीं
मैं अपने लिए भी तुझसे मिला करती हूँ
तुझे याद आती हूँ मैं
जब कोई रिश्ता तुझसे छूटता है
जब तेरा दिल टूटता है
कहता है तू
की बहुत प्यारी हूँ मैं
कभी अकेला तुझे ना छोड़ती हूँ
पर तू मान या ना मान
तेरा दिल कहीं और लगा देख
हज़ारो मौत मैं मरती हूँ
और कहीं ना कहीं
तेरे दिल के टूटने की दुआ
मैं ही करती हूँ
तेरी वजह से कभी
कभी तेरे लिए
कई बार खुद से लड़ी हूँ मैं
पर देख..
आज भी तेरे इंतेज़ार मैं खड़ी हूँ मैं ।