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himani goel

Romance

4  

himani goel

Romance

मुलाकात...

मुलाकात...

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एक बार फिर मिलना है तुमसे

पहली बार की तरह

जब मेरी आंखों में डूबने को

तैयार थे तुम

और मुझे अपनी बांहों में लेने को

बेकरार थे तुम

जब मेरी आवाज़ तेरे दिल की धड़कनों को 

बढ़ाया करती थी 

जब मेरी हंसी तेरे सुकून की

वजह बना करती थी 

ऐसा नहीं हैं मुझे याद आता हैं तू

मुझे बस परवाह उसकी हैं

जो में थी, जब मेरे साथ था तू

आवाज़ में कशिश

हुस्न पे गुरूर

क्या दौर था वो

तेरी फिकर शुरू हुई

तू बेपरवाह हो गया

तुझ से मोहब्बत हुई

और बस तभी

तू जुदा हो गया...


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