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Soniya Jadhav

Abstract Others

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Soniya Jadhav

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सीधी बात

सीधी बात

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इन टेढ़े लोगों से तुम,

सीधी बात कहने की जुर्रत करते हो।

मियां बड़े निडर हो,

सीने में फौलाद सा दिल रखते हो।

कुछ अरसे पहले मैं भी,

शौक रखता था, सीधी बात कहने का

कुछ लोगों ने पागल कहा,

कुछों ने तमाचा जड़ दिया।


फिर किसी ने समझाया,

गोल-गोल जलेबी जैसी ही जाती है मुंह के अंदर,

स्वर्ग का मीठा सा एहसास कराती है।

वहीं सीधी बात तीर सी सीने में चुभ जाती है।

शीशे से भी नाज़ुक हैं आजकल लोगों के दिल,

तुम्हारी सीधी बात सह नहीं पाएंगे।


शॉल में लपेटकर मारोगे गर जूता भी,

तो हँसकर खा जायेंगे।

सीधी बात सीधे लोगों पर जँचती है।

टेढ़े लोगों पर तो जलेबी ही फबती है।



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