#सीधी बात : नया सवेरा
#सीधी बात : नया सवेरा
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समाज से शोषित हूँ
रस्मों से शापित हूँ
साहिल को ढूँढूँ कैसे
मैं भंवर से भ्रमित हूँ।
मन मेरा कलुषित है
तन मेरा दूषित है
शांति को ढूँढूँ कैसे
आत्मा अहम से पोषित है।
परम्पराओं का तोड़ घेरा
छोड़ कर सब तेरा मेरा
सत्य अहिंसा की राह पकड़
खोजूंगा मैं नया सवेरा।