श्याम हीं रहता हैं यूं,,।
श्याम हीं रहता हैं यूं,,।
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मेरे मन की श्याम खुशी हैं,
मैं तो बस इतना जानूं..
मेरे मन का मीत वहीं हैं,
मैं तो बस इतना मानूं..
तेरे हीं पास मेरा,
ये मन अब रहता हैं..
तेरे हीं पास यहां पर,
ये जीवन सारा बहता हैं..
श्याम हीं रहता हैं यूं,
मेरे मन में, इस तन में,
धड़कन में, जीवन में....
हम दोनों की बातें ऐसी,
जैसे कोई अफसाना..
हम तो कुछ भी कहते नहीं हैं,
बस देखकर मुस्कुराना..
नयनों हीं नयनों में, सब बातें,
होती रहती हैं श्याम से....