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Nigar Yusuf

Drama

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Nigar Yusuf

Drama

शुक्रिया हर हाल में

शुक्रिया हर हाल में

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अम्बर को छत

ज़मीं को बिस्तर समझ लेते हैं

गरीब के बच्चे तो कमियों को

ही अपने जीने का शौक बना डालते हैं।


जैसा भी हो मौसम

हर गम को खुशी से मनाते हैं।

बारिशों में जम के नाचते हैं,

तो सर्दियों में अलाव की चिंगारियों

को आतिशबाज़ी बना डालते हैं।



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