विमानचालक
विमानचालक
आसमानों मे रोज़ नई कहानियां लिखता हूं,
परिंदों की तरह चहकता हूं, पतंगों की तरह उड़ता हूं।
जब मुसाफिरों को उनकी मंज़िल तक पहुंचाता हूं,
कामयाबी का एहसास दिल को मेरे तब मिलता है।
आसमानों मे रोज़ नई कहानियां लिखता हूं,
परिंदों की तरह चहकता हूं, पतंगों की तरह उड़ता हूं।
जब मुसाफिरों को उनकी मंज़िल तक पहुंचाता हूं,
कामयाबी का एहसास दिल को मेरे तब मिलता है।