शतरंज
शतरंज
ये जिंदगी इक शतरंज है दोस्तों
यहां खेल बिगड़ जाता है पल में
रात 11 बजे बेटे ने मां और पापा को फोन किया
उदास दोनो को राखी पर आने का दिलासा दिया
रात 1 बजे वो ऑफ़िस से
अपनी बाइक से घर के लिए निकला
रास्ते में लुटेरों ने बाइक छीनने के लिए पीछा किया
उसने बाइक तेज़ दौड़ाई थी
बाइक जाकर डिवाइडर से टकराई थी
बेटा पापा पापा कहता घिसटता चला गया
मौके पर उसने प्राणों को त्याग दिया
सुबह जब ये खबर सुनी, मां बाप दोनो बिलबिलाए
पापा पापा कह दोनो रोए और चिल्लाए
वो पापा पापा कह रहा था, हाय मैं यहां सोया था
ये कह पापा दहाड़े मार मार कर रोया था
मां ने बेटे की शादी के लिए ऊपर कमरा बनवाया था
बड़े चाव से मां बेटे ने उसे सजाया था
बहन बड़े प्यार से राखी लाई थी
किसको बांधूगी अब, कोने में जाकर रोई थी
मां बोली, उजड़ गई जिंदगी हमारी
सपने कितने संजोए थे
ऐसे खेल बिगड़ जाता है पल में
कह ज़ार ज़ार मां पापा दोनों रोये थे