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Anil Chandak

Inspirational

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Anil Chandak

Inspirational

शतरंज की बिसात पर

शतरंज की बिसात पर

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शतरंज की, बिसात पर, बैठी है, दुनिया सारी

यहाँ हर किसी ने, बनायी है, अपनी अपनी क्यारी!!


शह मात की दुनिया है, हर कदम पर धोके हैं

एक पाँव सकारात्मक, दूसरा नकारात्मक है

जानते हुए भी, अनजान बनती है सारी !!


मतलब के जलवे, बिखरे पड़े है यहाँ

हर कोई, अपना उल्लू, सीधा करता है यहाँ

ज़मीन से, आसमान तक, होड़ लगी है सारी !!


कहाँ खो गया आदमी, खुद अपनी सरपरस्ती में

उन्माद है गर्व का, खो गया, जीवन की धुंध में

वाह वाह की, दुनिया में, हर कोई, हो गया है दरबारी !!


दुनिया बनानेवाले, क्या तुम्हें ये मालूम भी है

जो उस की, अनुपम कलाकृती है, वो दोगला है

झूठ के जाल मे, भूल गया है, वो सत्ता ईश्वरी !!



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