बिमल तिवारी "आत्मबोध"

Inspirational

4  

बिमल तिवारी "आत्मबोध"

Inspirational

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

1 min
62


दूर करनें को सभी विपदा कहीं से आ जाएं

खो चुकी जो धरा सम्पदा देने कहीं से आ जाएं

साध कर जियें अपना जीवन ज़िसके तरह सभी

जग को तारने वाले ओ कृष्णा कहीं से आ जाएं ,


चेतना में आज सबकें कौरव षड्यंत्र चल रहा है

कौरवों सी क्रूरता से हर तंत्र फल फूल रहा है

पांडवी ऊर्जा गति निष्क्रिय निशदिन हो रही है

कालिया जरासंध का साम्राज्य बढ़ता जा रहा है


स्नेह श्रम सदभाव का अभाव होता जा रहा

भय आतंक के भाव में अब कंस जीता जा रहा

नारियों शोषित बेचारों की व्यथा को सुनें अब कौन

आस आने की अब तेरे कृष्णा आँखों से जा रहा ,


लूट रहा अब देश अपना लूट रहा सब धर्म है

कराहता सड़कों पर सारे दीनहीन का मर्म है

खो चुका प्रतिकार हिम्मत क्रूर कालिया कंस से

देख कर आंखों में ना,अब भारतीय के शर्म है,


हे मेरें गोविंद माधव ! हे मेरे कान्हा अहो

आज प्रगट हर रूप से हो,दूर सब विपदा हरो

जग जाए पुरुषार्थ सबमें,नाम बस कृष्णा जपो

मिट जाए संताप सबसें, कृष्णा बनो कृष्णा सधो , 


हो जाये हम कृष्ण जैसा देखकर शासन अभी

भागें ना मुश्किल से कोई, चाहे हो प्रशासन सभी

डूब कर रम कर सभी में निराकरण करते रहो

नाम तेरा हर जबां से,कृष्णा कहों कृष्णा कहों।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational