हिंदू नव वर्ष
हिंदू नव वर्ष
आम्र कुंज भर गए बौर से
और शजर सब ओढ़े पात
नई वसन में वसुधा सज के
नभचर जलचर संग छेड़े तान
मेरा तन मन हर्षित आकुल
दूर छिटक गई चिंता झंझट
जग जननी जब जमी पे आई
ले के नई बरस और संवत ।।
आम्र कुंज भर गए बौर से
और शजर सब ओढ़े पात
नई वसन में वसुधा सज के
नभचर जलचर संग छेड़े तान
मेरा तन मन हर्षित आकुल
दूर छिटक गई चिंता झंझट
जग जननी जब जमी पे आई
ले के नई बरस और संवत ।।