ट्रैवेल प्रोफेशनल, स्वतंत्र विचारक ,यायावर अल्हड़ लेखक
राम में रम जाए तो, नहीं हिंसा फ़साद हैं राम के बस नाम से मिटता सभी बवाल हैं राम में रम जाए तो, नहीं हिंसा फ़साद हैं राम के बस नाम से मिटता सभी बवाल हैं
जो मिला तो जग पे फ़िदा हो जायेंगे जो मिला तो जग पे फ़िदा हो जायेंगे
उनके लिए, जो अपने बच्चे की फ़िकर छोड़कर हम सब के लिए खड़े हैं उनके लिए, जो अपने बच्चे की फ़िकर छोड़कर हम सब के लिए खड़े हैं
चंद्रयान हूं मैं, मुकम्मल हिंदुस्तान हूं मैं। चंद्रयान हूं मैं, मुकम्मल हिंदुस्तान हूं मैं।
गिरता हूँ, फिसलता हूँ, पर चलता हूं उठ के गिरता हूँ, फिसलता हूँ, पर चलता हूं उठ के
कितने दिन हो गए, कोई गीत गाये हुए, याद नहीं कितने दिन हो गए, कोई गीत गाये हुए, याद नहीं
,नीतीश आज मेरे शरीर में तुम्हारा खून दौड़ रहा है।...मै धर्मांध हो गया था।" ,नीतीश आज मेरे शरीर में तुम्हारा खून दौड़ रहा है।...मै धर्मांध हो गया था।"
हो सकता हैं की मै उसके लायक न होऊँ मगर आपके लायक हो सकता हूँ।। हो सकता हैं की मै उसके लायक न होऊँ मगर आपके लायक हो सकता हूँ।।
हे दया धर्म के जिंदा मिसाल ! हे गाँधी ! कोटि कोटि प्रणाम। हे दया धर्म के जिंदा मिसाल ! हे गाँधी ! कोटि कोटि प्रणाम।
बन के वीरांगना सी तलवार बेटियाँ इज़्ज़त ख़ातिर अपनी हो, कटार बेटियाँ। बन के वीरांगना सी तलवार बेटियाँ इज़्ज़त ख़ातिर अपनी हो, कटार बेटियाँ।