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Anamika anoop Tiwari

Romance Inspirational

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Anamika anoop Tiwari

Romance Inspirational

शोर

शोर

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बंजर वसुंधरा हुआ मन

कुम्हलाए प्रेम के फूल 

किस ओर चले लेकर मेरा दिल

मैं ख़ुशबू बन महकी अहले 

राख बनने से पहले


मांगा नहीं था, मिला था तुम्हें 

मेरा ताउम्र का प्रेम

है किताबों पर धूल

भीतर हैं अनगिनत क़िस्से हमारी

रह गया जीवन में तेरी यादों का ठौर

चलती रही तपिश इश्क का दौर


वक़्त की रेत पे, तेरे नाम सा

कोई नाम नहीं दिखा

लिख कर छोड़ गया तू कहाँ

अगले जन्म फिर आना 

तुम फिर मेरे हो कर

प्रेम की घर में चाहतों का

शोर लेकर


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