नारी हूं
नारी हूं
नारी हूं
शक्ति स्वरूपा हूं
अनुपम हूं, अवर्णीय हूं
सच्चरित्रता की परिभाषा हूं
ममत्व की पहचान हूं
साहस, संयम, सौंदर्य से पूर्ण
जननी हूं, संगनी हूं,
प्रेयसी हूं, ममता हूं
निर्मल हूं, जटिल हूं
प्रेम हूं, त्याग हूं
निडर हूं, कठोर हूं
आईना हूं, स्पष्ट हूं
बिखर कर निखरी हूं
चाहत है पर नाउम्मीद हूं
निःशब्द नही स्तब्ध हूं
प्रेम की शिखर पर
अपेक्षा और उपेक्षा से निर्लिप्त हूं
प्रतिकार की भावना को परे कर
अनवरत, अनंत प्रेम की ओर बढ़ चली हूं
है टूटे जज़्बात पर मौन हूं
दर्द से भरी हूं, मैं ज़िंदगी हूं
गौरवान्वित हूं मैं नारी हूं।
