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Anamika anoop Tiwari

Romance Classics Inspirational

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Anamika anoop Tiwari

Romance Classics Inspirational

दिल ढूंढता हैं

दिल ढूंढता हैं

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दिल ढूंढता हैं

उन पतंगों को 

जिन के साथ मैं उड़ना चाहती थी

उस शोर को

जो आत्मा को रसपान कराये

मौनता के उस गहरे सन्नाटें को

जो आगमित हैं ह्रदय के निर्वात से

प्रेम की चुस्कियों को

जो वाष्प में अपना अस्तित्व देखती हैं।


दिल ढूंढता हैं

शीतलता को

जो आत्मा को सुकूँ देती थी

ठंडी हवाओं के झोंको को

जो खिड़कियों पर अपने निशां छोड़ जाती 

शीशे पर जमी बर्फ़ 

सुनहरी धूप से जागती 

पिघलती बूंदों का वेग

आगे निकलने की होड़ में अदृश्य हो जाती।


दिल ढूंढता हैं

उस सुगंध को

जिसकी तीव्रता मष्तिष्क को जागृत करती

एक उम्र से बटुएं में संभाली हुई 

उस खुश्बू के प्रवाह को

जिसके अहसास से

जीवन ग़मक जाएं

और सलामत रहे 

एक सुगन्धित मृत्यु की इच्छा।


दिल ढूंढता हैं

उन सुंदर लफ़्ज़ों को 

तुमसे कहने थे

जो मन में ही रहे

कभी कहे नही गए

कुहरा उन बोलो का

जो कभी छटा ही नही

अगर ले जाते साथ मेरी अनकही

तो आज मैं खाली हाथ नही होती।


दिल ढूंढता हैं

उस क़लम को

तुम पूछते हो

क्या लिखती हूं

क्यों लिखती हूं 

किसके लिए लिखती हूं

यह प्रेम हैं

श्वेत, शाश्वत, पूर्ण

इस प्रेम में मैंने ईश्वर को पा लिया

बहती धारा में

दुःख के सारे स्याह मनकों को प्रवाहित कर दिया

उस क़लम से निकले अक्षरों में

प्रेम के सात्विक स्वरूप को, मैं प्रेम से बताती हूं।


दिल ढूंढता हैं

उस चुभन के दर्द को

जो लोगो की नज़रों से मिलता हैं

समाज़ के बनाएं उस नियम को 

जिसकों तोड़ना मेरा

बागीपन कहलाता हैं

सुंदर पुष्प नही बनना चाहती

ना ही आदर्श नारी

दर्द का मरहम लगाए

चुभन से संतुष्ट 

मैं कांटा हूं

जो मेरे बागीपन का रूप हैं।


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