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Vikas Sharma

Abstract Inspirational Children

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Vikas Sharma

Abstract Inspirational Children

शिक्षक

शिक्षक

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जो ज्ञान दे शिक्षा दे समाधान दे वही शिक्षक

जो डांट दे करुणा दे प्रेम दे वही शिक्षक

जो श्री राम की मर्यादा और श्री कृष्ण का सांसारिक ज्ञान दे वही शिक्षक

जो गुरु गोविन्द की सीख और यीशु का करुणा भाव सिखाये वही शिक्षक


सबसे पहली शिक्षक माँ जो गर्भ में पल रहे शिशु को 9 माह वात्सल्य भाव दे

दूजे शिक्षक पिता जो एक शिशु को वृक्ष भाव दें

तीसरे शिक्षक पारिवारिक संस्कार जो सही दिशा दें

जो अनाक्षर को साक्षर बनाये वो शिक्षक

जो ज्ञान की गंगा में छात्र को नहलाये तैरना सिखाये वही शिक्षक


आधुनिकता की चकाचौंध और दौड़ में खो गया शिक्षक

माँ रामायण गीता की जगह घर फोड़ू धारावाहिक देखे

अपने अपने अहंकार जिद में माँ बाप को लड़ता देखे

फिर आज का बालक क्या शिक्षा सीखे

टीवी मोबाइल गूगल लैपटॉप बन गए शिक्षक


कहाँ गई वो शिक्षा कहाँ गए वो शिक्षक

आप हमें एक नन्हा पौधा दें, हम आपको वृक्ष देंगे ये सन्देश कहाँ गए

डायरी के प्रथम पृष्ठ पर माँ सरस्वती की तस्वीर

त्वमेव माता च पिता त्वमेव -त्वमेव बंधू सखा त्वमेव

साथ ही रोज अनिवार्य जन गण मन अधिनायक जय

केवल १५ अगस्त २६ जनवरी तक सिमट गए


कहाँ गया गुरु चरण छूने का भाव

कहाँ गया वो गुरु के प्रति मान सम्मान श्रद्धा का भाव

शिक्षा के मंदिर व्यावसायिक हो गए

शिक्षा का एक एक शब्द बिकने लगा

स्कूल कॉलेज यूनिवर्सिटी जमीन बिल्डिंग दिखावे की भेंट हो गए


शिक्षक वो जो मानसिक बौद्धिक विकास करे

शिक्षक वो जो असत्य को छोड़ सत्य की राह दिखाए

जो भी हमें अच्छा बुरा ज्ञान दे सबक दे वही शिक्षक

जो हमें जीवन का सही उद्देश्य दे, मार्ग दे, राह दे वही शिक्षक

जो हमें इंसानियत मानवीयता का पाठ पढ़ाये,

हमारा हमसे ही साक्षात्कार कराये वही शिक्षक


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