शीशे का शैतान
शीशे का शैतान
मैं अपने दोस्त के साथ ट्यूशन पढ़ने जाता था,
हमारे ट्यूशन पढ़ने का समय छह से आठ था।
सर के यहाँ पर ट्यूशन पढ़ने जाया करता था,
वहाँ पर एक रहस्मयी काला शीशा देखा था।
पहले दिन ही वहां दोनों पढ़ने के लिए गए हम,
कुल दस बच्चे पढ़ने ट्यूशन के लिए गए हम।
जब हमें तभी हमारे सर जी ट्यूशन थे पढ़ा रहे,
तभी हम दस के दस वहां रखें शीशे में समा गए।
हमारे सर जी का अचानक रूपरंग बदल गया,
काले शीशे के अंदर तब उन्होंने प्रवेश था किया।
वो एकदम से शैतान बनकर सामने आ गए हमारे,
देखते ही मेरे नौ साथियों को फटाफट से खा गए।
दस साथियों में से केवल हम अकेले बच थे पाए,
मेरे गले में माँ दुर्गा के लॉकेट से वो भी डर थे गए।