शीशा ~ए ~ दिल
शीशा ~ए ~ दिल
कुछ कहने को
ये दिल बेकरार
कुछ सुनने को
हरदम तैयार
तेरे आने पर
करे तकरार
तेरे जाने पर
तेरा इंतजार
क्या यही प्यार है ?
चाहते ज़वाँ
उमंगें मेहरबाँ
हर तरफ
सिर्फ तेरे निशाँ
मस्ती बेखबर
चूमे तुझे ये नज़र
शीशा ~ए ~ दिल में
तेरी ही खबर
क्या यही प्यार है ?

