शीर्षक- शीष नमाएँ
शीर्षक- शीष नमाएँ
माँ भारती की सच्ची संतान है,
साँस हर कुर्बान वतन के नाम है।
सेवा में अर्पित कर देते जीवनदान है,
ऐसे वीरों को शत शत प्रणाम है।
हर एक वीर ने हँसते दी प्राणों की आहुति ,
हर एक विभूति की है दिल में मूर्ति।
शौर्य ईमानदारी से युद्ध जीता,
जीत पर सन्मान में बच्चा बूढ़ा दिखा रोता।
सिंह से निडर शीव सा तांडव,
डरे दुश्मन दहाड़ और हर प्रहार से।
त्याग बलिदान में हर जवान आगे खड़ा ,
संहार करने शत्रु का आखिरी साँस तक लड़ा।
दुश्मन की अक्ल ठिकाने लगाने ,
विक्रम सा सरफिरा दिल माँगे मोर सुनाए।
तोलोलिंग, टाइगर जीत लाए,
देश की खातिर मिटने का मौका उन वीरों ने पाया ,
आओ हम सब शीश नमाएँ।