शहनाई
शहनाई
ये किसने तान छेड़े है
किसने बजाई शहनाई है
पिया मिलन की आस
मन में उमंगें जगा जाती है
तेरी बातें भी तो किसी
शहनाई की मोहक तान से
कम कहाँ होती
चाशनी में डूबी रसभरी
तनमन को तर कर जाती है।
ये किसने तान छेड़े है
किसने बजाई शहनाई है
पिया मिलन की आस
मन में उमंगें जगा जाती है
तेरी बातें भी तो किसी
शहनाई की मोहक तान से
कम कहाँ होती
चाशनी में डूबी रसभरी
तनमन को तर कर जाती है।