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Nisha Nandini Bhartiya

Tragedy Inspirational

5.0  

Nisha Nandini Bhartiya

Tragedy Inspirational

शहीदों को श्रद्धांजलि

शहीदों को श्रद्धांजलि

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रूठ गई गोद माँ की 

शहीद भाई हो गया।

पत्नी के मांग का सिंदूर 

हो तार-तार बिखर गया।


यह युद्ध हो आज़ादी का 

या ध्वंस कारगिल का।

देकर के अपने तन को

सैनिक अमर हो गया। 

पत्नी के मांग का सिंदूर 

हो तार-तार बिखर गया।


सोचा नहीं परिवार का

समझा नहीं घर द्वार का।

रक्षा में पुण्य भूमि की 

वो न्योछावर हो गया। 

पत्नी के मांग का सिंदूर 

हो तार-तार बिखर गया।


इच्छा नहीं महलों की 

लालच नहीं दौलत का।

सेवा में जन्मभूमि की

वो बलिदान हो गया।

पत्नी के मांग का सिंदूर 

हो तार तार बिखर गया।


करें नमन उसको सभी

शत शत नमन करें सभी

देकर आहूति प्राण की 

सच्चा सपूत हो गया।

पत्नी के मांग का सिंदूर 

हो तार-तार बिखर गया।












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