शब्द मरते नही।
शब्द मरते नही।
कोई है?
जो रहता है
हरदम साथ मेरे।
उठते-बैठते
हँसते-रोते,
अच्छी-बुरी
हर परिस्थिति में
वो होता ही है मेरे साथ।
पर जब मै थक कर सो जाता हूँ
वो नही सोता
वो लगा रहता है
मुझे जगाने में।
वो कोई और नही मेरे भीतर छुपा
एक लेखक है।
जो जगाता रहता है मुझे
लिखने-पढ़ने ऒर
सीखने के लिए।
जब मै सो जाऊँगा
हमेशा-हमेशा के लिए
तब भी वो जागता रहेगा,
एक पुंज की तरह
लोगो को प्रेरित करेगा
लिखने के लिए।
ऒर मेरा लिखा पढ़ने के लिए।
