डॉ दिलीप बच्चानी

Inspirational

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डॉ दिलीप बच्चानी

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वर्ष प्रतिपदा

वर्ष प्रतिपदा

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माँ दुर्गा की आराधना से हम मनाते वर्ष प्रतिपदा

हे! मेरे अतुल्य भारत तेरी जगत में जय हो सदा। 


ऋतु चक्र अनुकूल पंचांग हमारा है सबसे जुदा

हे! मेरे वंदनीय भारत तेरी जगत में जय हो सदा। 


प्रकृति भी सजती सँवरती निखरती हर एक लता

हे! मेरे पूज्यनीय भारत तेरी जगत में जय हो सदा


पावन चैत्र माह में त्यौहारों की रही पावन प्रथा

हे! मेरे अतुलनीय भारत तेरी जग में जय हो सदा। 


गुड़ी पड़वा, चेटीचंड की चहुँ ओर बिखरती छटा

हे ! मेरे प्राणप्रिय भारत तेरी जगत में जय हो सदा। 


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