कोरोना
कोरोना
जब एक एक सांस
उखड़ती सी लगती है
जब एक के बाद दूसरी
सांस पहाड़ चढ़ने जैसी
बदन टूटता मानो
मीलों चले हो हम
अपने से ज्यादा सताती
अपनो की फिक्र हमें
नर्म बिस्तर लगता हैं
शरशैय्या जैसा
भूख कही खो जाती
प्यास भी नहीं लगती
अजब बीमारी है
इलाज कुछ नहीं।