शब्द के मायने -
शब्द के मायने -
जब पूछा किसी ने मुझसे आज - हैं शब्द के मायने क्या ?
कहा मैंने - खामोशियाँ ही शब्द हैं और शब्द ही खामोशियाँ !
शब्द की गहराईयों का, राज़ किसने जाना है, अभेद हैं,
अमर हैं शब्द, ये सबने ही तो माना है,
शब्द सुनना है जो तूने, तन्हाइयों में जाके सुन,
गर सपने बिखर गए हों तेरे, फिरसे ले उनको तू बुन,
ज्यों रात बिन, दिन नहीं - शब्द बिन जीवन नहीं,
शब्द तो एक झरना है , शब्द मुहब्बत करना है,
शब्द भगवतगीता है, शब्द महापुराण है,
गुरुग्रंथ का ज्ञान है - शब्द ही कुरान है,
शब्द प्यार है, विरह है शब्द, शब्द एक एहसास है,
जीवन का हमारे - 'शब्द' एक शिलान्यास है,
शब्द है आज़ादी का उद्गार, देश-प्रेम की ललकार,
स्वाधीनता के दीवानों का बलिदान, रानी झाँसी की तलवार,
शब्द एक किलकारी है, हर माँ को प्यारी है,
शब्द गूँज है आदि की - अनंत तक ये जारी है,
शब्द अगर लय है - तो प्रलय भी शब्द है,
कर्म का आगाज़ है - शब्द ही प्रारब्ध है,
शब्द सुकून है, बेचैन है - शब्द ही करार है,
इसे तुच्छ न समझ - शब्द जीवन विस्तार है,
प्रेम की अभिव्यक्ति शब्द है - आराध्य की भक्ती शब्द है,
अगर शब्द घाव हैं - तो मरहम भी शब्द है,
शब्द विलाप है, तो मिलन भी तो शब्द है,
शब्द मायाजाल है, शब्द विरक़्त है,
शब्द बन जाये कभी उस बूढ़ी माँ की पुकार,
जिनको खिलाया गोदी में, वही कर रहे उसका तिरस्कार,
अनकहे ही कह जाएं जो - प्रेमी की आँखें शब्द हैं,
न कोई छल, न कोई कपट, रहती समर्पित हर वक़्त हैं,
शब्द संविधान है, शब्द विधि-विधान है,
प्रश्न भी शब्द है और शब्द समाधान है,
शब्द चेतन है, शब्द परम-ज्ञान है,
शब्द ब्रह्म है, शब्द का दायरा ब्रमांड है,
अब न पूछना कभी तुम, बोलते हैं शब्द क्या ?
समा जाओगे खुद इसमें, कर न सकोगे इसे बयां।
