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Kajal Manek

Romance

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Kajal Manek

Romance

शायद

शायद

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जब जब तुझे याद किया आंखें भीगी,

पुरानी हर बात याद आयी जब भी तेरी डीपी देखी,


जितना सोचूँ उतना करीब पाती हूँ तुझे,

सोचती हूँ मेरे हाल की खबर क्यों नहीं तुझे,


न तूने मुझे जाना न समझा न पढ़ा,

बस हर बार खुद की ही बातों का महल गढ़ा,


शिकायत नहीं अब कोई बस समझ सके तो समझ लेना मेरे मन को,

दुनिया की तरह मैने कभी नहीं चाहा तेरे धन को,


शायद तुझे फुर्सत नहीं मेरे मेसेज पढ़ने की,

शायद अब जरूरत नहीं रिप्लाई करने की,


बस इतना ही कहूंगी गर मै पसंद नहीं तो ढूंढ लेना अपनी पसंद हुजूर,

मिले मुझ सी वफ़ा तो खुश रहना और तलाश पूरी न हो तो आवाज़ देना

मुझे मैं ज़िंदा रही तो तेरे लिये खड़ी मिलूंगी जरूर।


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