शांति रह पाएगी -जीवन में आपके
शांति रह पाएगी -जीवन में आपके
अवसर के अनुसार हम करें व्यवहार,
मुमकिन हो टालना तो न करें तकरार।
तो शांति रह पाएगी जीवन में आपके,
जिंदगी तो गुजर पाएगी बिन संताप के।
अक्सर जगत में हमको
ग़मग़ीन लोग हैं मिलते।
खुशियों को भूलकर वे
एक-एक ग़म को हैं गिनते।
लम्हें जो खुशी दे सकते हैं
गंवा उनको ग़मों में उलझते।
ये सारे ग़म न हो पाते कम
खुशी आती न ढिंग आपके।
अवसर के अनुसार हम करें व्यवहार,
मुमकिन हो टालना तो न करें तकरार।
तो शांति रह पाएगी जीवन में आपके,
जिंदगी तो गुजर पाएगी बिन संताप के।
हंसीं हमको जगत है बनाना
हर हाल में खुश ही रहना पड़ेगा।
ग़म को करना पड़ेगा अनदेखा,
आखिर कब तक वह पीछे पड़ेगा।
खुशियों को खोजकर पीछे पड़ जाएं तो,
साथ उनको भी तो निभाना पड़ेगा।
खुशियां मिल जाएंगी निश्चित हमें,
ग़म भी जाएंगे थक कर हार के।
अवसर के अनुसार हम करें व्यवहार,
मुमकिन हो टालना तो न करें तकरार।
तो शांति रह पाएगी जीवन में आपके,
जिंदगी तो गुजर पाएगी बिन संताप के।
ईर्ष्या - जलन और गुस्सा ,
मूल में हर एक ग़म के हैं होते।
नुकसान अक्सर उठाकर सभी हम,
पछताते सिर धुनते हैं और रोते।
फैसला समय के मुताबिक ,
ले न पाते हैं और चैन खोते।
सही वक्त पर सही फैसले,
खुशियां देते हैं जीवन में आपके।
अवसर के अनुसार हम करें व्यवहार,
मुमकिन हो टालना तो न करें तकरार।
तो शांति रह पाएगी जीवन में आपके,
जिंदगी तो गुजर पाएगी बिन संताप के।