शाख से लिपटे पत्ते
शाख से लिपटे पत्ते
ये शाख से लिपटे हुए पत्ते, बड़े ही खूबसुरत होते हैं
मन को बड़ा मोहित करते हैं ,पर आगे बढ़ते नहीं हैं l
ये शाख से लिपटे पत्ते, बड़ी ही ऊँचाईयों पर होते हैं ,
अपने गर्व से दिप दिपाते हुए, तिल तिलकर जीते हैं l
ये शाख से लिपटे पत्ते, कभी शाखों को छोड़ते नहीं हैं ,
सूखकर,कुचले जाने के भय से,शाखों से गिरते नहीं हैं l
ये शाख से लिपटे पत्ते ,दूर से ही बड़े अच्छे लगते हैं ,
होते हैं बड़े नासमझ, दिल की बातें समझते ही नहीं हैं l
ये शाख से लिपटे पत्ते,कुछ ज्यादा ही समझदार होते हैं ,
भावनाओं की कब्र पर, जिंदगी गुजर बसर कर लेते हैं l
ये शाख से लिपटे पत्ते, अपनी जड़ों को छोड़ते नहीं हैं ,
क्योंकि आदर्शो की पोटली बाँधे,ये बहकते,भटकते नहीं हैं l