शाही ख्वाब
शाही ख्वाब
मैने कभी आपको उदास नहीं देखा पापा,
हमेशा आपकी आँखों में अपने लिये
एक शाही ख्वाब देखा पापा।
अब तो मेरी भावनाओं का भी कोई मोल नहीं पापा,
आपने तो मेरे बिना मतलब बहे आँसुओं को भी
कीमती मोती समझ हमेशा अपने दिल के पास रख्खा पापा।
ये तो अब मुझे 100 रुपये भी ज्यादा लगने लगे पापा,
वरना पहले हजारों का भी कहाँ मैने हिसाब रख्खा पापा।
जब आप थे तब हजारों शौक थे हमारे,
अब तो सिर्फ अपनी जरूरत पूरे करते हैं पापा।
मेरे बच्चे भी मुझे मेरी तरह सोचे
बस इसीलिये आपकी तरह ही पालन पोषण
उनका करने की कोशिश हम करते हैं पापा।