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Nirupa Kumari

Abstract Inspirational Others

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Nirupa Kumari

Abstract Inspirational Others

सच्ची आज़ादी

सच्ची आज़ादी

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आज़ादी का जश्न तो सभी मना रहे हैं

पर क्या हम अब तक अपनी कुंठाओं से आज़ाद हो पा रहे हैं

समानता का भाव है नहीं कहीं

जाति धर्म लिंग भाषा के नाम पे बंटे हैं सभी

अधिकार की क्या कहें

देश के प्रति कर्तव्य भी समझे हम नहीं

जागरूक और सुरक्षित हो जब हर नागरिक

आज़ादी सही मायने में मिलेगी तभी


ना मज़हब की बेड़ियां होंगी न लिंग जाति का भेद

स्वार्थ से ऊपर होगा जब हम सब के लिए ये देश

स्वास्थ्य सुरक्षा स्वच्छता समृद्धि हो जब सबका उद्देश्य

शिक्षा और अवसर मिलें सभी को कोई न रहे इससे शेष

कला संस्कृति लघु उद्योग पे ध्यान रहे विशेष

एकता हो मजबूत इतनी हमारी की हो जाएं हम अभेद्य

ये है मेरे सपनों का भारत ,काश! ऐसा हो पाए अपना देश



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