सच्चाई का दामन
सच्चाई का दामन
श्री राम का नाम रहे मुख पर,
आशीष बड़ों का साथ रहे।
हम अरुणोदय से पूर्व उठें,
प्रातः वंदन का ध्यान रहे।।
उन्नत समाज प्रभु ऐसा हो,
जहां मर्यादा का मान रहे।
सत्कार रहे अतिथि का सदा,
पित-मात हृदय सम्मान रहे।।
हिंसक आदत से दूर रहें ,
नारी आदर थोड़ा खास रहे।
रहे प्रवृत्ति शालीन सदा ,
नजरों में शर्म का बास रहे।।
ना अपराधी जन्मे कोई,
निर्भय होकर बाला घूमे।।
सुदृढ़ हो न्याय व्यवस्था अब,
जो सच्चाई का दामन चूमे।।