Sanjay Pathade Shesh
Tragedy
सरकारी पुल
हर साल ध्वस्त
जनता होती त्रस्त
ठेकेदार की
योग्यता का
क्या दे सबूत?
उनकी निजी
इमारतें देखो
कितनी मजबूत
रेवड़ी
जनप्रतिनिधि
अजब दौर है
आदत
श्रद्धा बनाम ...
मोहरा
मोहरे
विश्वास
आश्वासन
हाइकू रचनायें
आऐ तुफाँन कोई..लड लेंगें.. डट के तूफानों से भिड लेगें... तुम हो साथ तो.. आऐ तुफाँन कोई..लड लेंगें.. डट के तूफानों से भिड लेगें... तुम हो साथ तो..
कोई बात ना असर करती ना होगी दिल पर दस्तक। कोई बात ना असर करती ना होगी दिल पर दस्तक।
हर सुबह एक नया मुकाम है, हर आरजू का परिणाम है.. हर सुबह एक नया मुकाम है, हर आरजू का परिणाम है..
गुंजाइश नहीं जुड़ने की आइना झूठा जो है। गुंजाइश नहीं जुड़ने की आइना झूठा जो है।
काश मिल जाए मुझको वो नजारा, जहां बैठकर हमने साथ में वक्त गुजारा। काश मिल जाए मुझको वो नजारा, जहां बैठकर हमने साथ में वक्त गुजारा।
एक चाँद ने दूसरे चाँद से क्या कहा मैं भी छुपा-२ सा हूँ तू भी धुंधला -२ सा है। एक चाँद ने दूसरे चाँद से क्या कहा मैं भी छुपा-२ सा हूँ तू भी धुंधला -२ सा है।
नकल सी अच्छाई के पीछे असल कुछ अशिष्ट रखता दफना के नकल सी अच्छाई के पीछे असल कुछ अशिष्ट रखता दफना के
बहुत पुराने दोस्त हैं हम उनके मगर वो दोस्ती किसी और से निभाते हैं। बहुत पुराने दोस्त हैं हम उनके मगर वो दोस्ती किसी और से निभाते हैं।
पता नहीं मुझसे रूठ गई मेरी किस्मत, पता नहीं मुझसे रूठ गई मेरी किस्मत,
ये गम पलकें तो भिगोता है पर अश्कों की बात नहीं हुई। ये गम पलकें तो भिगोता है पर अश्कों की बात नहीं हुई।
लेकिन उसे इसका जवाब न मिला कि लोग धोखा क्यों देते हैं। लेकिन उसे इसका जवाब न मिला कि लोग धोखा क्यों देते हैं।
और आज परिवार को यूं छोड़ कर चले जाओगे हमने सोचा ना था। और आज परिवार को यूं छोड़ कर चले जाओगे हमने सोचा ना था।
कल तक जो मर मिटते थे हम पे आज हमारी मौत की दुआ मांगने लगे है। कल तक जो मर मिटते थे हम पे आज हमारी मौत की दुआ मांगने लगे है।
दुनिया की इस बुराई में सलीके से अपनी अच्छाई को बचाने का सलीका। दुनिया की इस बुराई में सलीके से अपनी अच्छाई को बचाने का सलीका।
आखिर क्यों बार बार दिल उदास होता है, फ़िक्र नहीं उसी की याद में दिल रोता है.. आखिर क्यों बार बार दिल उदास होता है, फ़िक्र नहीं उसी की याद में दिल रोता है..
गुमनाम जिंदगी का फलसफ़ा, आज भी याद वो इश्क़ बेवफ़ा.. गुमनाम जिंदगी का फलसफ़ा, आज भी याद वो इश्क़ बेवफ़ा..
आँखों से झलकते ये आँसू कहाँ ऐ बे - वजह है आँसू... आँखों से झलकते ये आँसू कहाँ ऐ बे - वजह है आँसू...
लहद ए गम होगा न कोई फिर शख्स अपना... लहद ए गम होगा न कोई फिर शख्स अपना...
काश! एक ऐसा मेला खेल होता, बिछड़ो से अपनों का मेल होता। काश! एक ऐसा मेला खेल होता, बिछड़ो से अपनों का मेल होता।
तेरी यादों संग जीती और तेरी यादों समग मरती हैं... तेरी यादों संग जीती और तेरी यादों समग मरती हैं...