सबसे ही हम प्यार करें
सबसे ही हम प्यार करें
स्वर्ग समान सकल जग होगा , जब इक दूजे से हम प्यार करेंगे।
बिना शर्त जो होगा हमारा प्यार, जिसे भेद रहित नि:स्वार्थ करेंगे।
निर्भय रहकर अभय दें सबको, हम प्रेम के वश सबको ही करेंगे।
कल्पनाएं तो सब करते हैं ,ऐसी सच्चाई में ऐसे दिन कब बहुरेंगे?
जैसा चाहते हैं खुद के लिए हम ,करें वैसा ही दूजे के संग व्यवहार।
वही काटने को मिलता जो बोया, बदले में मिलते हैं खुशी और प्यार।
नम्र रखें स्वभाव निज सभी संग,तब सुखमय ही तो होगा तव संसार।
सदा शक्तिशाली-नहीं दीन कभी भी , सबको ही दें खुशियां और प्यार।
सदा आशावान रहें हम इस जग में,निराशा की तो भूल से भी न सोचें बात।
कभी समय न रहता एक सा जग में,गुजर जाती है ग़मों की हर काली रात।
सहयोग-धीरज-साहस-नियोजन,अनुकूल बना सकते प्रतिकूल जो हालात।
व्यवहार-आचरण अनुकरणीय हो,धर्म-मार्ग पर बदलें कभी न अपनी बात।
नश्वर है यह हम सबकी ही काया , अमर रहें चरित्र और पहचान।
फहरती रहे पताका धर्माचरण की , कालजयी रहता उत्तम इंसान।