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Anushree Goswami

Drama Fantasy Inspirational

5.0  

Anushree Goswami

Drama Fantasy Inspirational

सब नज़रिये का खेल है

सब नज़रिये का खेल है

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सब नज़रिये का खेल है

जैसा जिसका नज़रिया है,

दुनिया उसकी वैसी है,

किसी को लगती सीधी-सी,

किसी को टेढ़ी लगती है,

झूठ है यह किसी के लिए,

तो किसी के लिए सच्चाई है,

आसान है किसी के लिए,

किसी के लिए संघर्ष है,

बन्धु,

सब नज़रिये का खेल है!


मैंने देखे हैं कई मानुष,

हँसते-हँसते जी जाते हैं,

और कुछ लोग ऐसे भी,

जो चलने से डर जाते हैं,

नज़रिया जैसा मेरा है,

दुनिया मेरी वैसी है!


खुशियाँ मेरे दोस्तों की,

मुझे आसमान-सी लगती है,

मम्मी-पापा की बातें,

किसी संत-ज्ञान सी लगती हैं,

चेहरा मुझको मेरा,

बड़ा ही चंचल लगता है,

पर दुनिया को तो मैं,

सीधी-सादी लगती हूँ,

सब नज़रिये का खेल है!

जैसा जिसका नज़रिया है,

दुनिया उसकी वैसी है!


मुझे अतीत पंछी-सा लगता है,

पकड़ो तो फड़फड़ाता है,

छोड़ो तो उड़ जाता है,

'आज' तो मुझको जैसे,

बिल्कुल पानी-सा लगता है,

बहता रहता हर पल,

पकड़ना इसको आसान नहीं,

चलती रहती मैं संग इसके,

रुकना मेरा काम नहीं,


रह गया जो भविष्य, वो मुझको,

बिल्कुल अंतरिक्ष-सा लगता है,

खाली खाली-सा,

बिन जीवन, बिन पानी-सा,


मुझको मूरत में नहीं,

इंसान में ईश्वर दिखता है,

खिला हुआ वो चेहरा उनका,

बिल्कुल चाँद-सा लगता है,


छोटे बच्चों की शरारत,

धैर्य मुझे सिखलाती है,

भविष्य की फिर मुझमें,

कुछ उम्मीद जगाती हैं,


सब नज़रिये का खेल है!

जैसा जिसका नज़रिया है,

दुनिया उसकी वैसी है!


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